असम में अब उग्रवाद का अंत! ULFA और केंद्र सरकार के बीच हुआ ऐतिहासिक शांति समझौता

12/29/20231 min read

असम राज्य भारत के उत्तर पूर्वी हिस्से में स्थित है और यह एक प्रमुख उद्यानों, नदियों और जलवायु विविधताओं का घर है। यहां की सुंदरता और प्राकृतिक संसाधनों की अमीरता के बावजूद, असम को दशकों से उग्रवाद की समस्या का सामना करना पड़ा है। इस उग्रवाद के कारण असम की आर्थिक विकास, सामाजिक सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति पर असर पड़ा। लेकिन हाल ही में हुए एक ऐतिहासिक समझौते ने असम में उग्रवाद के अंत की उम्मीद जगाई है। इस समझौते के माध्यम से असम की खुशहाली और विकास के लिए नई दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

असम में उग्रवाद की समस्या का मुख्य केंद्रीय आंदोलन संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) है। ULFA ने अपनी स्थापना 1979 में की थी और उसका मुख्य उद्देश्य असम की आजादी और असमी लोगों की हितधारा की रक्षा थी। यह संगठन उग्रवादी हमलों, आतंकवादी कार्यक्रमों और आंदोलनों के माध्यम से असम को विपदा में डाल रहा था। इसके परिणामस्वरूप, असम की आर्थिक विकास और विकास के क्षेत्रों में विपरीत प्रभाव पड़ रहा था।

इस उग्रवाद के खिलाफ केंद्र सरकार ने कई बार प्रयास किए हैं, लेकिन वे सभी पहलों में सफल नहीं रहे। लेकिन हाल ही में हुए एक ऐतिहासिक समझौते ने असम में उग्रवाद के अंत की उम्मीद जगाई है। 27 जनवरी, 2020 को, असम सरकार और ULFA के बीच एक शांति समझौता हस्ताक्षर किया गया। इस समझौते के माध्यम से केंद्र सरकार ने असम की विकास और सुरक्षा के लिए एक सामरिक, आर्थिक और सामाजिक पैकेज प्रदान किया है।

इस समझौते के अनुसार, ULFA के नेतृत्व ने असम सरकार के साथ मिलकर असम के विकास और सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई है। इस समझौते के अनुसार, ULFA के सदस्यों ने अपने हथियार छोड़ने की प्रतिबद्धता जताई है और वे अब सामाजिक मूल्यों, अधिकारों और न्याय के पक्ष में काम करने का वादा किया है। इस समझौते के माध्यम से असम सरकार ने उग्रवादियों को समाज में पुनर्वास करने और उन्हें समाज का हिस्सा बनाने का भी वादा किया है।

इस समझौते के माध्यम से केंद्र सरकार ने असम के विकास के लिए एक आर्थिक पैकेज प्रदान किया है। इस पैकेज के तहत, केंद्र सरकार ने असम को 2000 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी है। इसके अलावा, असम के विकास के लिए और अधिक आर्थिक सहायता की योजना भी बनाई गई है। इससे असम के विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी और लोगों को और अच्छी और सुरक्षित जीवन की व्यवस्था मिलेगी।

इस समझौते के माध्यम से केंद्र सरकार ने असम की सुरक्षा के लिए भी प्रयास किए हैं। इस समझौते के अनुसार, असम के लिए एक विशेष सुरक्षा योजना बनाई गई है जिसके तहत असम को अधिक सुरक्षा उपायों की प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, असम सरकार ने असम की पुलिस और सुरक्षा बलों को तकनीकी सुविधाएं और अद्यतन के लिए भी आर्थिक सहायता प्रदान की है। इससे असम की सुरक्षा बढ़ेगी और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में असम की सरकार को अधिक सक्षमता मिलेगी।

इस समझौते के माध्यम से असम की सामाजिक सुरक्षा और विकास के लिए भी कदम उठाए गए हैं। इस समझौते के अनुसार, असम सरकार ने उग्रवादियों को समाज में वापस लाने और उन्हें समाज का हिस्सा बनाने के लिए विभिन्न सामाजिक योजनाओं की शुरुआत की है। इसके अलावा, असम सरकार ने विभिन्न शिक्षा और रोजगार कार्यक्रमों की योजना भी बनाई है जिससे उग्रवादियों को अच्छी शिक्षा और रोजगार के अवसर मिलेंगे।

इस समझौते के माध्यम से असम में उग्रवाद के अंत का संकेत मिला है। यह समझौता असम के विकास और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे असम की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति में सुधार होगा। इससे असम के लोगों को अधिक विकास और सुरक्षा के अवसर मिलेंगे और वे अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए महनत कर सकेंगे।

असम में उग्रवाद के अंत की इस समझौते ने राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं। इससे अन्य राज्यों में भी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी और वे अपने उग्रवादी समस्याओं का समाधान कर सकेंगे। इससे देश की एकता और सुरक्षा में सुधार होगा और भारत की स्थायित्व में मजबूती आएगी।

असम में उग्रवाद के अंत की यह समझौता एक ऐतिहासिक क्षण है। इससे असम की खुशहाली और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यह समझौता असम की सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति में सुधार लाएगा और असम के लोगों को विकास और सुरक्षा के अवसर प्रदान करेगा। इससे देश की स्थायित्व में भी मजबूती आएगी और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।