कमलनाथ का बीजेपी में शामिल होना: कांग्रेस की हार का ठीकरा या राज्यसभा में एंट्री?


मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम सकते हैं। कांग्रेस आलाकमान द्वारा मध्य प्रदेश चुनाव में पार्टी की हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद से ही कमलनाथ बीजेपी नेताओं के संपर्क में आ गए हैं।
कमलनाथ के साथ छिंदवाड़ा से उनके बेटे और कांग्रेस सांसद नकुलनाथ भी बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। कमलनाथ छिंदवाड़ा से एक बार सांसद रह चुके हैं और उनकी अहमियत का अंदाजा इसी सेबनाया जा सकता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मध्य प्रदेश में सिर्फ एक ही सीट पर हार मिली और वह छिंदवाड़ा की सीट थी।
कांग्रेस के इस कदम से एक प्रश्न उठता है कि क्या यह केवल कमलनाथ की ही इच्छा है या कांग्रेस पार्टी की ओर से एक रणनीतिक चाल है? जहां एक ओर कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि कमलनाथ के संपर्क में आने के पीछे कांग्रेस की नीति है, वहीं कमलनाथ ने इसे नकारा है। उन्होंने कहा है कि वह बीजेपी के संपर्क में आए हैं ताकि उन्हें अपने विचारों को साझा कर सकें और राज्य में विकास के मुद्दों पर चर्चा कर सकें।
कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने के मामले में विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक चाल के रूप में देखा है। वे कहते हैं कि कमलनाथ ने बीजेपी के संपर्क में आकर अपनी राजनीतिक भूमिका को मजबूत किया है और अब वह बीजेपी के साथ मिलकर मध्य प्रदेश में चुनावी रणनीति बनाएगा।
इस घटना से साफ जाहिर होता है कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच मध्य प्रदेश में राजनीतिक मायाबाजी जारी है। कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने के मामले में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन यह घटना निश्चित रूप से मध्य प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण साधन हो सकती है।