भारत का AI बाज़ार 2027 तक $17 बिलियन तक पहुँच जाएगा: रिपोर्ट

2/22/20241 min read

आईटी उद्योग निकाय नैसकॉम और परामर्श फर्म बीसीजी ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत का कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) बाजार 2027 तक 17 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इस अनुमान के अनुसार, यह बाजार 2024 और 2027 के बीच 25-35% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है। भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास का गति तेज हो रहा है और इसका प्रमुख कारण है तकनीकी उन्नति और डिजिटलीकरण के प्रचार का बढ़ता हुआ उपयोग। यह रिपोर्ट इस बढ़ते हुए दिग्गज बाजार के पीछे के कुछ कारणों को भी बताती है। पहला कारण है विभिन्न उद्योगों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग के लिए बढ़ती मांग। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य सेवाओं, वित्तीय सेवाओं, विनिर्माण और खुदरा उद्योग में AI का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। कंपनियों को अपनी प्रक्रियाओं को सुधारने, उत्पादकता बढ़ाने और ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने के लिए AI का उपयोग करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। दूसरा कारण भारत सरकार के नीतियों में AI के प्रमुख उपयोग को प्रोत्साहित करने का प्रयास है। सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई नीतियों की घोषणा की है और AI के विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय संसाधनों का निर्धारण किया है। इससे उद्योग को आवश्यक संसाधन मिलेंगे और उन्नत तकनीकों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। तीसरा कारण है युवा उद्यमियों की बढ़ती रुचि। भारत में युवा उद्यमियों के बीच कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग के लिए बड़ी रुचि है। यहां पर्याप्त मात्रा में तकनीकी ज्ञान और उच्च शिक्षा के संसाधन मौजूद है, जो युवा उद्यमियों को नवीनतम और उन्नत तकनीकों का उपयोग करने की संभावना देता है। यह रिपोर्ट भारतीय आईटी उद्योग के लिए एक बड़ी संकेत है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का बाजार अगले कुछ वर्षों में मजबूती से बढ़ रहा है। इससे भारत को उच्च गति के तकनीकी विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाने का अवसर मिलेगा। यह बाजार न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत को वैश्विक तकनीकी उद्योग में भी मान्यता प्राप्त करेगा। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत का कृत्रिम बुद्धिमत्ता बाजार अगले कुछ वर्षों में बहुत तेजी से बढ़ रहा है और यह एक विश्वसनीय और आकर्षक निवेश सम्भावना प्रदान करता है। आगामी वर्षों में, इस बाजार की वृद्धि के साथ, भारत एक वैश्विक AI हब के रूप में अपनी पहचान बना सकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत का कृत्रिम बुद्धिमत्ता बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है और यह भारत के आगामी आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण हो सकता है। यह रिपोर्ट भारतीय उद्योग को एक बड़ी संकेत देती है कि इस क्षेत्र में निवेश करना एक समय की बात हो सकती है। भारत को अपनी कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षमता का उपयोग करके एक ग्लोबल तकनीकी शक्ति के रूप में मान्यता प्राप्त करना चाहिए।