UCC की राह पर असम, हिमंता सरमा की कैबिनेट नेखत्म किया मुस्लिम विवाह अधिनियम UCC:


UCC की राह पर असम, हिमंता सरमा की कैबिनेट नेखत्म किया मुस्लिम विवाह अधिनियम UCC:
12 फरवरी को सीएम सरमा नेकहा था कि उनकी सरकार राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करनेके लिए एक मजबूत कानून लाने की योजना बना रही है।
असम भी समान नागरिक संहिता (UCC) की दिशा मेंअपना कदम बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता वाली कैबिनेट नेशुक्रवार को राज्य मेंरहनेवालेमुसलमानों द्वारा विवाह और तलाक के रजिस्ट्रेशन सेजुड़े 89 साल पुरानेकानून को रद्द करनेका फैसला किया। इस फैसलेकी जानकारी देतेहुए पर्यटन मंत्री जयंत मल्ला बरुआ नेकहा, “हमारेमुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा नेपहले ही घोषणा की थी कि असम एक समान नागरिक संहिता लागू करेगा। आज हमनेअसम मुस्लिम विवाह और तलाक रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1935 को निरस्त करनेका बहुत ही महत्वपूर्णनिर्णय लिया है।”
आपको बता दें कि इस अधिनियम मेंमुस्लिम विवाह और तलाक के लिए स्वेच्छा सेरजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया था। सरकार के नए फैसलेका मतलब यह हुआ कि असम मेंअब इस कानून के तहत मुस्लिम विवाह और तलाक को रजिस्ट्रेशन करना संभव नहीं होगा। बरुआ नेकहा, हमारेपास पहलेसेही एक विशेष विवाह अधिनियम हैऔर हम चाहतेहैंकि सभी विवाह एक प्रावधानों के तहत रजिस्टर्ड हों। उन्होंनेबताया कि असम मेंवर्तमान में 94 अधिकृत व्यक्ति हैंजो मुस्लिम विवाह और तलाक का रजिस्ट्रेशन कर सकतेहैं। लेकिन कैबिनेट के फैसलेके साथ जिला अधिकारियों द्वारा इसके लिए निर्देश जारी करनेके बाद उनका अधिकार समाप्त हो जाएगा।
बरुआ नेकहा, "चूंकि येलोग विवाह और तलाक का रजिस्ट्रेशन करके आजीविका कमा रहेथे, इसलिए राज्य कैबिनेट नेउन्हें 2-2 लाख रुपयेका एकमुश्त मुआवजा देनेका फैसला किया है।" उन्होंनेकहा कि समान नागरिक संहिता की दिशा मेंएक कदम आगेबढ़नेके अलावा कैबिनेट नेइस बात को महसूस किया कि इस अधिनियम को निरस्त करना आवश्यक है। यह काफी पुराना और ब्रिटिश काल सेचला आ रहा अधिनियम था। आज के सामाजिक मानदंडों सेमेल नहीं खाता था। उन्होंनेकहा, “हमनेयह देखा मौजूदा कानून का इस्तेमाल कम उम्र के लड़कों और लड़कियों की शादियों को रजिस्टर्ड करनेके लिए किया जा रहा था। हमेंलगता हैकि आज का कदम ऐसेबाल विवाह को रोकनेमेंभूमिका निभाएगा।” 12 फरवरी को सीएम सरमा नेकहा था कि उनकी सरकार राज्य मेंबहुविवाह पर प्रतिबंध लगानेऔर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करनेके लिए एक मजबूत कानून लानेकी योजना बना रही है। उन्होंनेकहा था कि एक विशेषज्ञ समिति यह देखेगी कि बहुविवाह और यूसीसी दोनों को एक ही कानून मेंकैसेशामिल किया जाए।