SEBI को बदनाम मत करो

11/28/20231 min read

सेबी को बदनाम मत करो

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने शुक्रवार को अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की तुलना में देश के शेयर बाजार नियामक सेबी पर भरोसा जताते हुए टिप्पणी की, जिसने जनवरी में अदानी समूह के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। किसी उचित सामग्री के अभाव में सेबी को 'बदनाम' करने का कोई कारण नहीं था। मार्च में अदालत ने रिपोर्ट की सत्यता की जांच करने का निर्देश दिया था। बेंच की टिप्पणी उस रिपोर्ट की जांच की मांग करने वाली याचिकाओं के एक समूह के संदर्भ में की गई थी, जिसमें अडानी समूह पर धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल होकर अपने स्टॉक की कीमतों को कृत्रिम रूप से बढ़ाने का आरोप लगाया गया था। अदालत ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि चूंकि वह 'यह धारणा नहीं बना सकती कि रिपोर्ट या तो विश्वसनीय थी या उसमें विश्वसनीयता की कमी थी', वह 'हिंडनबर्ग रिपोर्ट को तथ्यात्मक रूप से सही नहीं मान सकती।'

सुप्रीम कोर्ट का रुख न्याय और निष्पक्षता के सिद्धांतों के अनुरूप है, जबकि सेबी अपनी जांच पूरी करने की राह पर है। हालांकि, अदालत के पास हिंडनबर्ग रिपोर्ट की प्रामाणिकता का पता लगाने का कोई साधन नहीं है, लेकिन अगर नियामक अपनी शक्तियों और अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने में लापरवाही करता हुआ पाया जाता है तो वह सेबी की खिंचाई कर सकता है। इस प्रकार, हिंडनबर्ग रिपोर्ट को सबूत मानने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार सही बैठता है। अडानी शेयरों में एसबीआई और एलआईसी द्वारा किए गए निवेश की जांच की याचिकाकर्ताओं की मांग को भी वैध रूप से खारिज कर दिया गया है।