फलदार वृक्षों को मियली बग से बचाने हेतु ट्री बैंडिंग का प्रदर्शन

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12/13/20241 min read

फलदार वृक्षों को मियली बग से बचाने हेतु ट्री बैंडिंग का प्रदर्शन

कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र कटघोरा कोरबा के अधिष्ठाता डॉक्टर एस एस पोर्ते के मार्गदर्शन में कीट वैज्ञानिक डॉक्टर दुष्यंत कुमार कौशिक के द्वारा ग्राम पंचायत नंगोई बछेरा विकास खंड पौड़ी उपरोड़ा में कृषि महाविद्यालय के रावे और रेडी के चतुर्थ वर्ष छात्रों को फलदार पौधे में लगने वाले अत्यधिक हानिकारक किट मियली बग के नियंत्रण हेतु ट्री बेंडिंग एवं किटनाशक दवाओ के सम्बन्ध मे विस्तार से जानकारी दी गई. तदउपरान्त चतुर्थ वर्ष के रावे एवं रेडी के कृषि छात्रों द्वारा ग्राम नंगोई बछेरा विकास खंड पोड़ी उपरोड़ा में जाकर के वहा कृषक रमेश यादव तथा रामगोपाल पटेल के बगीचे मे आम एवं अमरुद के वृक्षो में ट्री बैंडिंग किया गया और मियली बग के नियंत्रण हेतु रासायनिक किट नाशक दवा से नियंत्रण के उपाय बताया गया

किसान भाइयो तथा रावे के कृषि छात्रों द्वारा ग्राम के किसानो को मियली बग के नियंत्रण एवं महत्व के बारे में जानकारी देते हुए बताये की

मिली बग छोटे, अंडाकार, धीमी गति से चलने वाले कीड़े होते हैं, जिनके शरीर पर सफेद, मोमी परत होती है।

आकार: मिली बग का आकार 1/20 से 1/5 इंच तक हो सकता है। एवं अंडाकार और खंडित, जिनके पिछले सिरे पर मोमी तंतु होते हैं।ये अधिकांश सफेद, हल्के भूरे, पीले, गुलाबी या नारंगी होते हैं। यह 600 तक छोटे पीले अंडे जमीन में देते हैं l. नवजात कीड़े, जो रुई जैसे अंडों से निकलते हैं, सफेद-पीले से लाल रंग के हो सकते हैं।

मियली बग निम्न प्रकार से छति पहुँचाता हैं :-

निम्फ और मादा कीड़े पौधों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं।मादा कीड़े पत्तियों, कोमल शाखाओं और फलों से रस चूसकर पौधे की वृद्धि को प्रभावित करती हैं।तथा पत्तियां पीली होकर गिर जाती हैं।जब कीड़ों की संख्या अधिक होती है, तो पत्तियों के नीचे सफेद मोमी परत दिखाई देती है, जो चिपचिपी और मोमी होती है।

आकर्षक पौधे जिनपर मियली बग आक्रमण करती हैं

फलदार पौधे:आम, अंगूर, नारंगी, नींबू, आम, अनार, आड़ू, नाशपाती, पपीता

सब्जियां: टमाटर, बैंगन, शकरकंद, सलाद

फूल और झाड़ियां: गुलाब, कैमेलिया, अज़ेलिया, गेरियम, कार्नेशन

प्रबंधन:

खरपतवार नियंत्रण:

जून-जुलाई में घासों को हटाकर खेत की जुताई करें।

पेड़ की बैंडिंग:

दिसंबर के मध्य में पेड़ पर 20 सेमी चौड़ा पॉलीथीन (400 गेज) या अल्काथीन लपेटें।

बैंड को जमीन से 50 सेमी ऊपर और शाखा के पास लगाएं। बैंड के निचले किनारे पर ग्रीस लगाएं।

रासायनिक नियंत्रण: आम के पौधे में मियली बग का आक्रमण होने पर थायोमेथेक्जाम 25%wg दवा को 0.75 मिली लेकर एक लीटर पानी में अच्छी तरह से घोलकर के पूरा पौधे पर छिड़काव करना चाहिए तथा पेड़ के नीचे की मिट्टी में थोड़ा सा खुदाई करके क्लोरोपायरीफॉस 20 ec किटनाशक दवा का 2.5 मिली लेकर उसे एक लीटर पानी में घोलकर के पूरी मिट्टी को भीगा देनी चाहिए

कल्चरल नियंत्रण : खेत की सफाई करें और खरपतवारों को हटाएं।अत्यधिक संक्रमित शाखाओं को छांटकर जला दें। पेड़ों की सिंचाई बाढ़ के बजाय ड्रिप से करें।

आम के पेड़ पर बैंडिंग का महत्व:

20-30 सेमी चौड़ा पॉलीथीन/अल्काथीन पेड़ के तने पर लगाएं। इसे जमीन से 30 सेमी ऊपर रखें। बैंड के निचले किनारे पर ग्रीस लगाएं।

इसके लिए उचित समय दिसंबर के दूसरे-तीसरे सप्ताह में माना जाता हैं तथा नवजात कीड़े को पेड़ पर चढ़ने से रोकता है।