कृषि छात्रों ने कुक्कुट पालन तकनीक सीखा
Blog post description.


कृषि छात्रों ने कुक्कुट पालन तकनीक सीखा
कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र कटघोरा जिला कोरबा के अधिष्ठाता डॉ एस एस पोर्ते के मार्गदर्शन में चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों क़ो डॉ बी एन गौतम के द्वारा कुक्कूट पालन की व्यवसायिक गतिविधियों की जानकारी हेतु व्यवसायिक स्तर पर संचालित हो रहे पोल्ट्री फार्म ( भारती पोल्ट्री) बाकीमोगरा का भ्रमण करवाया गया महाविद्यालय में अध्ययन रत रावे और रेडी के चतुर्थ वर्ष के छात्रों को मुर्गीयो की विभिन्न किस्म को दिखाया व उनके महत्व की जानकारी दी जिससे भारती पोल्ट्री फार्म के मालिक अमित कुर्रे ने भी पोल्ट्री की शुरुआत से लेकर अभी तक की जानकारी दी तथा विभिन्न मुर्गियों के किस्म तथा उनके व्यापार के महत्व को बताया जिससे पहले बॉयलर मुर्गी को देखा उसके दान देने की दक्षता को बताया एक बॉयलर मुर्गी 20 दिन में 1कि ग्राम बढ़ती है उसके बाद काकरेल किस्म को देखा जो 70 दिन में 1कि ग्राम बढ़ती है उक्त किस्म को अंबिकापुर से लाया गया था तीसरे नंबर में सोनाली नामक शुद्ध देशी किस्म के बारे में जानकारी दी गई जो सी ए आर आई इज्जतनगर की किस्म है इसके बाद बतख की खाखी कैंपेबेल तथा टर्की की किस्म देखी जो ज्यादातर हर जगह नहीं देखा जाता पोल्ट्री की पूरी जानकारी जैसे कौन सी नसल कब तक व्यस्क होती है कितना दाना अपने वजन के अनुपात मे खा कर व्यस्क होती है वा कौन कौन से बीमारियों के टीके कब कब लगाए जाते है तथा कौन सी बीमारियो से ज्यादा सावधान रहना चाहिए एवं इनक्यूबेटर वा हैचर मशीन के टेम्प्रेचर वा हमीडिट कितनी रखना चाहिए एवं चूजे मसीन से निकलने के पचयात कितने टेम्प्रेचर मे रखना चाहिए एवं कौन कौन सा दाना कितने दिनों तक मुर्गीयो क़ो देना चाहिए वा कौन कौन सी दवाओ का प्रयोग कब कब करना चाहिए का महत्व के बारे में डॉ व्ही एन गौतम सहायक प्राध्यापक पशु पालन एवं प्रबंधन कृषि महाविद्यालय कटघोरा कोरबा के द्वारा विस्तृत रूप से दी गए इस सभी जानकारी से छात्रों क़ो पोल्ट्री फार्मिंग की विभिन्न गतिविधि जानने मे मदद हुई तथा चतुर्थ वष के छात्रों को अच्छी और सटीक जानकारी मिली ताकि वह भविष्य में पोल्ट्री पालन को बढ़ावा दे सके।