खुदी हुई सड़कें बिगाड़ रही हैं सेहत, हवा में धूल के कण हो गए हैं दोगुने


रायपुर। सड़कों की धूल और त्योहार के कारण जाम सड़कें राजधानी की आबोहवा को खतरनाक स्तर तक पहुंचा रही हैं। शहर में जगह-जगह खुदी हुईं सड़कें और आधे अधूरे निर्माण के कारण उड़ने वाली धूल फिजा बिगाड़ रही हैं। इसका असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है। साथ ही क्लीन एयर प्रोग्राम (एक्यूआई) के तहत आबोहवा बेहतर करने के प्रयास भी विफल साबित हो रहे हैं।
सड़कों की इस जर्जर हालत के लिए पाइप लाइन, नालियों और अंडरग्राउंड केबलिंग के लिए खुदाई हो रही है। इसके अलावा बारिश के बाद निजी और सरकारी प्रोजेक्ट में चल रहे निर्माण कारण भी सड़कों पर काफी धूल उड़ रही है। राजधानी में एयर क्लालिटी इंडेक्स कई जगहों पर 100 से 150 के बीच है जबकि 50 से नीचे का स्तर अच्छा होता है।
त्योहारी सीजन मे रेंगता ट्रैफिक बढ़ा रहा है प्रदूषण: राजधानी में 16 लाख वाहन पंजीकृत हैं। त्योहारी सीजन में शहर की सड़कें जाम हो जाती हैं। रेंगते हुए ट्रैफिक से प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है। इससे हवा में धूल, कार्बन और धुएं के कण बढ़ रहे हैं। शहर की मुख्य सड़कें जिसकी लंबाई 84 किलोमीटर है। सिर्फ इसकी सफाई ग्लोबल वेस्ट मेनेजमेंट कंपनी करती है। जिस 93 लाख रुपए भुगतान किया जाता है। इसके अलावा पूरी राजधानी में 2000 किमी सड़कें हैं। इनमें से 25 से 30% की हालत जर्जर बनी हुई है।
ख़तरनाक स्तिथि में:बीते दो दिनों की हालात यह है कि औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 113 तक पहुंच गया था। इसमें घुल रहे धूल व धुएं के कण सामान्य मात्रा से दो गुने तक बढ़ गए हैं। अक्टूबर के 20 दिनों में एक भी दिन एक्यूआई ग्रीन जोन यानी 80 से नीचे नहीं गया है। औसत इंडेक्स 100 के आसपास बना हुआ है।
ऐसे बढ़ रहा है प्रदूषण :बीते साल अक्टूबर में 60 व अगस्त में 70 रहा था। सेहत के लिए हानिकारक पीएम-10 और 2.5 का औसत भी लगभग दोगुना हो गया है। यह क्रमशः 60 से 65 और 20 व 26 माइक्रो ग्राम था, जो बढ़कर 83-113 और 30 से 35 हो गया है।
माह - PM10 - PM2.5 - AQI
अक्टूबर 2023 - 76 - 32 - 83
अक्टूबर 2022 - 60.33 - 26.98 - 60.33
अक्टूबर 2021 - 52 - 21 - 52
अक्टूबर 2020 - 63.33 - 20 - 63.33
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण का यह है लक्ष्य : राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का लक्ष्य वर्ष-2024 तक पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में 20 से 30 प्रतिशत की कमी लाना है। केंद्र सरकार ने वर्ष-2026 तक प्रदूषक कण के स्तर में 40 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
एक्सपर्ट व्यू-
डॉ. शम्स परवेज, एचओडी-रसायनशास्त्र, रविवि : रायपुर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। हवा में धूल के कण बढ़ रहे हैं। निर्माण को लेकर निर्धारित गाइडलाइन का पालन होना चाहिए। तय लक्ष्य होना चाहिए कि पीएम 2.5 जो 90 से 105 के बीच है उसे 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के नीचे लाना है।
01. अविनाश चतुर्वेदी, छाती रोग विशेषज्ञ, रायपुर : धूल-धुएं के कारण प्रदूषक तत्वों में बढ़ोतरी होती है। ठंड के दिनों में प्रदूषक कण वायुमंडल की निचली परत में रहते हैं। इससे सुबह व शाम को स्थिति और खराब रहती है। मॉर्निंग व इवनिंग के समय कण हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं।
यह उपाए आ सकते हैं काम :
- खोदी गई सड़कों का सही तरीके से पेंचवर्क, जहां संभव हो सड़कों के किनारे वृक्षारोपण।
- सड़कों में पानी का छिड़काव, अन्य निर्माण कार्यों के दौरान धूल का नियंत्रण के लिए ग्रीन नेट।
- टूटी जगहों पर धूल का नियंत्रण, वैक्यूम क्लीनिंग मशीन से सफाई, किनारों तक सड़कों को पक्का करना।
- ट्रैफिक जाम न हो ऐसे उपाय, चौराहों पर रेड लाइट पर वाहन का इंजन बंद रखने की सीख।
- कम वाहन रूकें इसलिए लेफ्ट टर्न फ्री, सिग्नल फ्री चौराहे।
- लोकल ट्रांसपोर्ट की उपलब्धता बढ़ाना।
- औद्योगिक इकाइयों व वाहनों से प्रदूषण पर सख्त निगरानी।